• कठपुतली चित्र

    राजस्थानी कठपुतली नृत्य कला प्रदर्शन

सोमवार, 27 अप्रैल 2015

Jain Temple of Rajasthan-राजस्थान के प्रमुख जैन मंदिर

1. दिगम्बर जैन तीर्थ श्रीमहावीरजी- जैन धर्मावलंबियों की आस्था का प्रमुख केंद्र यह मंदिर करौली जिला मुख्यालय से 29 किमी दूर श्री महावीरजी नामक स्थान पर स्थित है। यह मंदिर संपूर्ण भारत के जैन धर्म के पवित्र स्थानों मेंसे एक है। गंभीर नदी के तट पर स्थित इस मंदिर में जैन धर्म...
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आबूरोड के पास सियावा का आदिवासी गणगौर मेला , मेले की अनोखी 'खीचना' की परम्परा

             आबूरोड के पास सियावा का गणगौर मेला , मेले की  अनोखी  'खीचना' की परम्परा  भले ही आदिवासी समाज शिक्षा व विकास के अन्य पैमानों पर पिछड़ा हुआ हो ,लेकिन समाज के बीच एक परम्परा इसे अलग ही पहचान देती है |जो अन्य लोगों...
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World famous sword of Sirohi-विश्व विख्यात सिरोही की तलवार

सिरोही की तलवार को पहचान दिलाने वाले परिवार में सबसे बुजुर्ग प्यारेलाल के हाथों में आज भी वह हुनर मौजूद है जो पीढ़ी दर पीढ़ी उन्हें मिलता रहा और जिसकी बदौलत सिरोहीं की तलवार को देश दुनिया में पहचान मिली | 62 वर्षीय प्यारेलाल कई सालों से तलवारें बना रहे है , लेकिन फिर भी जब...
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शनिवार, 25 अप्रैल 2015

परीक्षा मार्गदर्शन प्रश्नोत्तरी(भाग -3) राजस्थान की भोगोलिक स्थिति{Geographic position of Rajasthan}

राजस्थान की भोगोलिक स्थिति {Geographic position of Rajasthan} #. राज्य की कुल स्थलीय सीमा की लम्बाई है Ans:- 5920 किमी #. Rajasthan का पाकिस्तान से लगाती सर्वाधिक लम्बी सीमा वाला जिला कोनसा है ? Ans:- जैसलमेर (471 Kms) #. Rajasthan की सीमा किस राज्य से सर्वाधिक लम्बाई में...
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पर्यावरण के लिए बलिदान की याद में भरता है खेजड़ली का मेला-For the sake of sacrifice for the environment, the Khahedali fair-

पर्यावरण संरक्षण के लिए पश्चिमी राजस्थान संपूर्ण विश्व में जाना जाता है। राजस्थानी की प्रसिद्ध कहावत "सर साठे रूंख रहे तो भी सस्तो जाण" (अर्थात सिर कटवा कर वृक्षों की रक्षा हो सके, तो भी इसे सस्ता सौदा ही समझना चाहिए) को जोधपुर जिले का खेजड़ली गाँव के लोगों ने पूरी तरह से...
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Famous Shaktipeeth Tanotaray Mata Jaisalmer-प्रसिद्ध शक्तिपीठ तनोटराय माता जैसलमेर

भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित माता "तनोटराय" का मन्दिर अत्यंत प्रसिद्ध है। यह मंदिर जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर दूर एवं भारत पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 20 किलोमीटर अंदर की और स्थित है। तनोट माता जैसलमेर के भाटी शासकों की कुलदेवी मानी जाती है। कहा जाता है कि...
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Paliwal symbolizes ancient glory of Brahmins - ruins of Kuldhra and Khahaan villages-पालीवाल ब्राह्मणों के प्राचीन वैभव का प्रतीक- कुलधरा और खाभा गाँवों के खंडहर

जैसलमेर जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा वर्षों पूर्व परित्यक्त कुलधरा एवं खाभा नामक दो गाँवों के प्राचीन खंडहर स्थित है जो पालीवालों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली, वास्तुकला एवं भवन निर्माण कला को अभिव्यक्त करते हुए अद्भुत अवशेष हैं। प्राचीन...
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राजस्थान सामान्य ज्ञान आभूषण क्विज (भाग-2) ( Rajasthan GK jewelry Quiz)

1. सटका शरीर के किस अंग का आभूषण है? अ. गला ब. कमर स. नाक द. पैर उत्तर- ब 2. कंदौरा शरीर के किस अंग पर पहना जाता है? अ. सिर ब. कमर स. उँगली द. पैर उत्तर- ब 3. निम्नांकित में से सिर पर पहने जाने वाला आभूषण है- अ. बोर या बोरला ब. नथ स. बिछिया द. टड्डा उत्तर- अ 4. रखड़ी आभूषण...
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Jewelery in the life style of women in Rajasthan-राजस्थान में महिलाओं की जीवन-शैली में आभूषण

राजस्थान में महिलाओं की जीवन-शैली में आभूषण एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। यूं तो राजस्थानी आभूषण महिलाओं की प्रतिदिन की साज-सज्जा का अंग है, किन्तु ये उनकी वर्तमान स्थिति (वैवाहिक स्थिति) को भी अभिव्यक्त करती है। राजस्थान में महिलाओं के सर से पाँव तक पारंपरिक आभूषण से...
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मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

Historical chhatries of Rajasthanराजस्‍थान की ऐतिहासिक छतरियाँ

राजस्‍थान की ऐतिहासिक छतरियाँ 1. अमरसिंह की छतरी - नागौर 2. सिसोदिया राणाओं की छतरियाँ - आहड़ , उदयपुर 3. राव बीका जी रायसिंह की छतरियाँ - देव कुंड , बीकानेर 4. हाड़ा राजाओं की छतरियाँ - सार बाग , कोटा 5. रैदास की छतरी - चित्तौड़गढ़ 6. गोपालसिंह की छतरी - करौली  7....
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राजस्थानी लोक गीत घूमर एवं चम चम चमके चुन्दडी- Rajasthani folk songs Ghumar and Chamchat Chakte Chundadi

राजस्थानी लोक गीत घूमर एवं चम चम चमके चुन्दडी-घूमर गीत ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँघुमर रमवा म्हें जास्याँओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँओ म्हाने रमता ने काजळ टिकी लादयो ऐ माँघुमर रमवा म्हें जास्याँओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँओ म्हाने रमता ने लाडूङो लादयो ऐ माँघुमर रमवा...
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राजस्थानी संगीत गोरबंद

गोरबंद लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो ओ लड़ली लूमा झूमा ऐ लड़ली लूमा झुमा ऐ ओ म्हारो गोरबन्द नखराळो आलिजा म्हारो गोरबन्द नखराळो ऐ ऐ ऐ गायाँ चरावती गोरबन्द गुंथियों तो भेंसयाने चरावती मैं पोयो पोयो राज मैं...
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परीक्षा मार्गदर्शन प्रश्नोत्तरी(भाग -1)

परीक्षा मार्गदर्शन प्रश्नोत्तरी- 1. राजस्थान का जिब्राल्टर दुर्ग किसे कहा जाता है? (अ) लोहागढ़ को (ब) तारागढ़ (अजयमेरु)को (स) तिमनगढ़ को (द) चित्तौड़गढ़ को उत्तर- ब 2. बछबारस त्यौहार किस दिन मनाया जाता है? (अ) चैत्र कृष्णा एकादशी को (ब) भाद्रपद शुक्ल द्वादशी को (स) भाद्रपद कृष्णा...
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राजस्थान के रिति रिवाज एवं प्रथाए (भाग-1)

आठवाँ पूजन स्त्री के गर्भवती होने के सात माह पूरे कर लेती है तब इष्ट देव का पूजन किया जाता है और प्रीतिभोज किया जाता है। पनघट पूजन या जलमा पूजन बच्चे के जन्म के कुछ दिनों पश्चात (सवा माह बाद) पनघट पूजन या कुआँ पूजन की रस्म की जाती है इसे जलमा पूजन भी कहते हैं। आख्या बालक...
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Description of the chief public dance of Rajasthan-राजस्थान के प्रमुख लोक नृत्यो का वर्णन

राजस्थान एक भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधतायुक्त प्रदेश है । इसी विविधता ने इस प्रदेश के लोक नृत्यों को भी विविधता प्रदान की है और अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नृत्य विकसित हुए । ये प्रमुख लोकनृत्य इस प्रकार हैं- 1. घूमर नृत्य - यह पूरे राज्य में लोकप्रिय है तथा मांगलिक...
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राजस्थान विधानसभा के इतिहास में जुडा एक नया अध्याय

राजस्थान विधानसभा के इतिहास में रविवार 22मार्च 2015 को एक नया अध्याय जुड गया ।यह मौका रहा जब विधानसभा का संचालन रविवार को हुआ।संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौङ ने सदन की कार्रवाई शुरू होते ही कहा कि जनप्रतिनिधियों को छुट्टी देकर आपदा प्रभावित किसानो से मिलने का अवसर दिया,यह...
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रविवार, 12 अप्रैल 2015

Board of Secondary Education Rajasthan-BSER--माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर

Board of Secondary Education Rajasthan-BSER--माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेरइतिहास History-माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान दिनांक 4 दिसम्बर 1957 को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1957 के तहत जयपुर में स्थापित किया गया जिसे 1961 में अजमेर स्थानांतरित किया गया। सन्...
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तीर्थों का भांजा धौलपुर का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मचकुण्ड

मचकुंड धार्मिक स्थल मचकुण्ड अत्यंत ही सुन्दर व रमणीक धार्मिक स्थल है जो प्रकृति की गोद में राजस्थान के धौलपुर नगर के निकट स्थित है। यहां एक पर्वत है जिसे गन्धमादन पर्वत कहा जाता है। इसी पर्वत पर मुचुकुन्द नाम की एक गुफा है। इस गुफा के बाहर एक बड़ा कुण्ड है जो मचकुण्ड...
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